सीएम औऱ सचिवालय से हारता मंत्री पद ? (लेखक-डॉ अजय खेमरिया/ईएमएस)
सीएम औ पद सचिवालय से हारता मंत्री पद? (लेखक-डॉ अजय खेमरिया / ओटी): अंत में क्यों बुल में हार जाते हैं मंत्री .. एक पड़ताल तथ्य एक: हरियाणा के 11 में आठ मंत्री चुनाव हार गए।बीजेपी बहुमत से छह: विधायक पीछे रह गए। तथ्य दो: महाराष्ट्र में 7 मंत्री हार गए।बीजेपी की सभा पहले से घट गई। फैक्ट तीन: मप्र में बीजेपी के 13 मंत्री चुनाव हार गए थे और वहां 8 सीट कम होने के चलते पार्टी सत्ता से बाहर हो गए। छतीसगढ़, रेटेड में भी बीजेपी की सरकारों के सर्कल में मंत्री हारे औ राज्यों दोनों राज्यों से सत्ता चली गई। इन तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि बीजेपी की राज्य की सरकारों के कामकाज के परीक्षण या सोशलऑडिट की कोई प्रमाणिक व्यवस्था दुनियाँ की सबसे बड़ी पार्टी के अंदर मौजूद नहीं है। मंत्री पद की अपनी एक बहसदेही है जिसका दलीय औास सुशासन दोनों नजरियों से अपना महत्व ।पार्टी की अपेक्षा रहती है कि अतिरेक क्षमताओं वाले ये नेता न केवल खुद जीतें बल्कि आसपास भी ऐसा माहौल बनाकर रखे ताकि पार्टी उनके नाम और काम को हासिल करने के रूप में हो। बता बता सकूं। संसदीय शासन व्यवस्था में मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का पदक्रम सभी सदस्यों के बीच है
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